उठ जाग युवा तू नींद से अपने कदमों को आगे बढ़ा! उठ जाग युवा तू नींद से अपने कदमों को आगे बढ़ा!
जैसे खुद के बनाये नियमों को मानते नहीं। जैसे खुद के बनाये नियमों को मानते नहीं।
ना रही घर की, ना घाट की,उनके लिए थी, वो काले पाणी कि सजा अंदबार-निकोबार की। ना रही घर की, ना घाट की,उनके लिए थी, वो काले पाणी कि सजा अंदबार-निकोबार की।
भ्रष्टाचार मिटाने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ रहे, राजनीति बदलने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ भ्रष्टाचार मिटाने आए थे जो कहां गए सब ढूंढ रहे, राजनीति बदलने आए थे जो कहां ग...
तुम्हें सुनना है अंतस की आवाज़ रखना है ख़ुद पर विश्वास।। तुम्हें सुनना है अंतस की आवाज़ रखना है ख़ुद पर विश्वास।।
सोच हैरान हूँ मैं हर डे, क्या पता कब ये जानेंगे क्या पता कब ये मानेंगे है ऊँची शान अपने ही डे म... सोच हैरान हूँ मैं हर डे, क्या पता कब ये जानेंगे क्या पता कब ये मानेंगे है ऊ...